Thursday, January 14, 2010

तिल का लड्डू

मकर संक्रांति....पता नहीं लोगों को ये नाम सुनकर क्या याद आता है मुझे तो ये नाम सुनते साथ ही तिल की चक्की,लड्डू वगैरह याद आ जाते हैं...बचपन से ही इस दिन हम तिल-गुड आदि की बनी चीजें खाया और दान दिया करते थे..कई लोग खिचड़ी भी दान देते हैं....मम्मी बहुत ही स्वादिष्ट तिल की चक्की बनाते हैं.....पिछले साल पुणे में थे...वहाँ सभी एक-दूसरे को तिल की बनी हुई मिठाई देकर कहते थे.."तिल गुड घ्या...गुड-गुड बोला.."मतलब तिल-गुड खाओ...और गुड की तरह मीठा बोलो....

इस साल की संक्रांति कुछ अलग है....क्यूंकि आज तक हमने मम्मी के हांथों से बनी तिल की मिठाइयाँ ही खाई थीं...लेकिन आज पहली बार मैंने भी इसे बनाना सीखा...कुछ गड़बड़ जरूर हुई..लेकिन परिणाम अच्छा निकला....

वैसे मुझे खाना बनाना खास पसंद नहीं है....पता नहीं क्यूँ..?..मैं कई बार महिलाओं को देखती हूँ...कि वो नयी रेसिपी सीखने में पूरा समय लगाती हैं....दिन-दिन भर कुछ न कुछ नया बनाती रहती हैं....ये नज़ारा मुझे अपनी मम्मी के साथ भी देखने मिलता है....ऐसी सभी महिलाओं(मेरी मम्मी को मिलाकर)...को मेरा सलाम....शायद मैं भी कभी इनमें शामिल हो पाऊँ....

खैर...आप सभी को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें...

4 comments:

निर्मला कपिला said...

गुद चक्की कैसे बनाई ये भी बताती तो अच्छा था। आप्को भी मकर संक्रांति की शुभकामनायें

संजय भास्‍कर said...

आप्को भी मकर संक्रांति की शुभकामनायें

संजय भास्‍कर said...

till ke laddu dek kar pani aa gya muh me....

neha said...

aap sabhi ka bhut-bhut dhanyawaad.....nirmalaji aap kahen to main chakki banane kii vidhi bhi aapko jaroor bata doongi.........